चंडीगढ़ से बड़ी खबर : बैंकों में फर्जी एनओसी लगाकर लाखों का लोन लेने वाला दिल्ली से चढ़ा पुलिस के हत्थे, देखें कैसे करता था हेराफेरी
- By Krishna --
- Monday, 24 Jan, 2022
Big news from Chandigarh: The person who took loan of lakhs from Delhi by putting fake NOC in the ba
Arth Parkash/रंजीत शम्मी
चंडीगढ़। थाना 17 बैंकों में फर्जी एनओसी लगाकर लाखों रुपए का लोन लेने वाले शातिर को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपी की पहचान गांव किशनपुरा जीरकपुर के रहने वाले 50 वर्षीय सरित कुमार मुरगई के रूप में हुई है। पुलिस ने पकड़े गए आरोपी के कब्जे से 2 करोड़ के करीब 5 लग्जरी गाडिय़ां बरामद की है। सेक्टर 8 बैंक के एजीएम शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज किया था। जानकारी के मुताबिक पता चला है कि आरोपी सरित कुमार और राजकुमारी सेक्टर 22 बैंक की ब्रांच में फॉर्च्यूनर गाड़ी खरीदने आए थे। बैंक द्वारा कागजात देखने के बाद एमपी मोटर्स के नाम पर 10 लाख रुपए का ड्राफ्ट जारी कर दिया। बैंक में जब एमपी मोटर्स से पता किया तो पता चला कि आरोपियों ने धोखाधड़ी की है। पुलिस ने मामले में आरोपी के कब्जे से कुल 5 लग्जरी गाडिय़ां बरामद की है। जिनकी कीमत करीब 2 करोड रुपए के करीब बताई गई।चंडीगढ़ पुलिस ने सितंबर 2017 में दर्ज एक आपराधिक मामले में भगौड़े चल रहे आरोपी को दिल्ली से पकड़ा है। उसके खिलाफ सेक्टर 17 थाना पुलिस ने धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक साजिश रचने की धाराओं में केस दर्ज किया था। आरोपी सरित कुमार मुरगई (50) जीरकपुर के गांव किशनपुरा का रहने वाला है और शादीशुदा है। उसके कब्जे से पुलिस ने लगभग 2 करोड़ रुपए मूल्य के सामान की रिकवरी की है। उसके कब्जे से पुलिस ने चंडीगढ़ नंबर की एक टोयोटा फार्चुनर गाड़ी, चंडीगढ़ नंबर की ही टाटा सफारी स्ट्रॉम, मोहाली नंबर की फोर्ड इंडीवर, संगरुर जिले नंबर की महिंद्रा स्कोर्पियो और लुधियाना नंबर की रीट्ज गाड़ी बरामद की है।
आरोपी के खिलाफ संबंधित केस स्टेट बैंक ऑफ पटियाला की सेक्टर 8 ब्रांच के एजीएम एमएस लांबा की शिकायत पर दर्ज हुआ था। आरोपी मुरगई और एक राज कुमारी उनके बैंक की सेक्टर 22 बी की ब्रांच में टोयोटा फार्चुनर खरीदने आए थे। उन्होंने एम पी मोटर्स प्राईवेट लिमिटेड की कोटेशन भी दिखाई थी। बैंक ने एम पी मोटर्स के नाम पर 10 लाख रुपए का ड्राफ्ट जारी कर दिया। गाड़ी के लोन के रुप में उन्होंने रसीद और सेल सर्टिफिकेट जमा करवा दिए। बाद में बैंक ने जब एम पी मोटर्स से पता किया तो पता चला कि आरोपियों ने फर्जी दस्तावेज दिखा धोखाधड़ी की है। आरोपी फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बैंको से लोन लेकर महंगी गाडिय़ां खरीदता था। इसके बाद इन गाडिय़ों को फर्जी कागज तैयार करवा आगे बेच देता था। उसके खिलाफ सेक्टर 26 थाने में अगस्त 2006 तथा पंचकूला सेक्टर 20 में दिसंबर 2009 में दर्ज एक केस भी सामने आया। पकड़े गए आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी समेत आपराधिक साजिश रचने की धाराओं में दर्ज हुए थे।